सोमवार, 13 नवंबर 2017

तुम कवि हो...पर मै.......!

तुम कवि हो ना,

शब्दों  को आकार


देते हो,


मैं  एक कड़वा  सच  हूँ 

सच को नंगा करना 


मेरी  आत्मसंतुष्टि  है ।


तुम्हारे  विचारों के प्रबल वेग का 

कोई छोर नहीं ।

और मैं ...... गंतव्य का भटका राही,


तलाश-ए- मंज़िल  की दौड़ में 


गुमनाम बना फिरता हूँ ...


तुम्हारी  कल्पनाऐं 

अंतहीन हैं ।


मैं  दर्द को सीता हूँ ...!


उसकी चुभन से ,


ख़ुद की कहानियां


लिखता हूँ .…!


तुम लेते हो सहारा क़लम  का

मेरी तो आँखें  पनीली होती हैं ,


होगे तुम कवि कहीं के


मैं  बस मैं  हूँ .......!


कल्पनाओं से परे...!


जीता हूँ  संग  बिडम्बनाओं  के

मरता हूँ  संग वर्तमान के...!


एक यथार्थवादी....!

#अनु

15 टिप्‍पणियां:

  1. गहरे भाव ...
    कई बार सचाई की धरातल इतनी कठोर होती है की शब्दों का कल्पनाओं का भाव दिखावा सा लगता है ...

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    1. जी धन्यवाद सत्य और कल्पना के मध्य परस्पर विरोधाभाष प्रस्तूत करने का छोटा सा प्रयास किया,मैने.....आपकी टिप्पणी मेरे लिए बेहतर मार्गदर्शिका है...

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  2. वाह! अनु जी बेहतरीन रचना आपकी। कवि और कड़वा सच के बीच आपने सार्थक संवाद को शानदार तरीके से अभिव्यक्ति दी है। बधाई एवं शुभकामनाऐं।

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  3. जी धन्यवाद,आप सभी महानुभावो के मध्य नया कुछ सीखने की आतुर इच्छा के साथ प्रयास कर रही हुं.....आप सभो का मार्गदर्शन मेरे लिए महत्वपुणंं हे।

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  4. कविहृदय और सामान्न्य हृदय की कशमकश भरी तुलना सुंदर लगील बधाई अनु जी।

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  5. वाह कोई जवाब नहीं .....सीधे दिल पर दस्तक

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  6. आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/11/44.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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  7. प्रिय अनू आपके लेखन में दम है | बहुत गहरा चिंतन है आपकी रचना में -- सस्नेह शुभकामना आपको ---




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    1. जी बेहद आभार आपका रेणु जी,आपके विचार जान बहुत प्रसन्नता हुई ।आप सभो के स्नेहवचन सदैव मिलते रहे..एक ओर बार धन्यवाद आपको...!

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  8. अनुजी,कवि होना फिर भी आसान है, यथार्थवादी होना बहुत कठिन है !!! बहुत अर्थपूर्ण है ये रचना !

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  9. अत्यंत सुन्दर भाव लिए हुए आपकी रचना। बहुत ख़ूब

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  10. उत्तर
    1. Thankyou so much you like my poetry..i have tried to present an interesting conversation it's common man and a poet and felt good knowing the reaction of everyone ...thanx again...

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